नवरात्रि में कन्या पूजन कैसे करें? | विधि, सामग्री और शुभ मुहूर्त

नवरात्रि में कन्या पूजन भूमिका

नवरात्रि में कन्या पूजन करने की सही विधि, पूजा सामग्री और शुभ मुहूर्त क्या होता है? जानिए कन्या पूजन से जुड़ी हर जरूरी जानकारी इस सरल हिंदी लेख में।

नवरात्रि में कन्या पूजन  का पर्व देवी मां की उपासना और शक्ति के सम्मान का प्रतीक है। नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है और अंतिम दिन (अष्टमी या नवमी) को कन्या पूजन किया जाता है। इस दिन छोटी कन्याओं को देवी का रूप मानकर उन्हें आदर-सम्मान और भोजन कराया जाता है।

अब सवाल उठता है — नवरात्रि में कन्या पूजन कैसे किया जाता है?
इस लेख में हम जानेंगे इसकी पूरी विधि, शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और इससे मिलने वाले लाभ।


📅 कन्या पूजन कब किया जाता है?

नवरात्रि के आठवें दिन (अष्टमी) या नौवें दिन (नवमी) को कन्या पूजन किया जाता है। दोनों दिन शुभ माने जाते हैं। कुछ लोग अष्टमी को करते हैं और कुछ नवमी को, यह आपके पारिवारिक रीति-रिवाज पर निर्भर करता है।


👧 कन्या पूजन के लिए किसे बुलाएं?

  • 2 से 10 वर्ष की कन्याएं देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं।

  • अधिकतर 5, 7, 9 या 11 कन्याओं को बुलाया जाता है।

  • परंपरा अनुसार, एक छोटा बालक (लंगूर) को भी बुलाया जाता है, जो भगवान हनुमान का प्रतीक माना जाता है।


🛒 कन्या पूजन की सामग्री

सामग्री उपयोग
रोली, चावल (अक्षत) तिलक लगाने के लिए
मौली (कलावा) रक्षा सूत्र बांधने के लिए
फूल, दीपक पूजन के लिए
पूजन थाली सभी सामग्री रखने के लिए
जल, लोटा, थाली पाँव धोने के लिए
प्रसाद – पूरी, चना, हलवा कन्याओं को भोग लगाने के लिए
चुनरी, चूड़ियाँ, बिंदी, कॉपी-पेन आदि उपहार देने के लिए
दक्षिणा आशीर्वाद स्वरूप पैसे
बैठने के लिए आसन या पाट कन्याओं के लिए

🪔 कन्या पूजन की विधि (Step-by-Step Process)

1️⃣ कन्याओं का स्वागत और पैर धोना

  • कन्याओं को आदर के साथ घर बुलाएं।

  • उन्हें पाट या चटाई पर बैठाएं और उनके पैर धोएं। यह दर्शाता है कि आप उन्हें देवी का रूप मानते हैं।

2️⃣ तिलक और आरती करें

  • हर कन्या को रोली और अक्षत से तिलक लगाएं।

  • उनके हाथ में मौली बांधें।

  • दीपक जलाकर सभी कन्याओं की आरती करें और “या देवी सर्वभूतेषु” मंत्र का जाप करें।

3️⃣ भोजन करवाएं (भोग)

  • उन्हें प्रेमपूर्वक प्रसाद खिलाएं — हलवा, पूड़ी और काले चने।

  • उन्हें खुद परोसे, जैसे अपने घर की देवी को परोसा जाता है।

4️⃣ उपहार और दक्षिणा दें

  • भोजन के बाद उन्हें चुनरी, चूड़ियाँ, बिंदी, कॉपी-पेन या अन्य छोटी चीजें दें।

  • साथ ही यथाशक्ति दक्षिणा (पैसे) भी दें।

  • उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।


🔱 कन्या पूजन के मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणी नमोऽस्तुते।।

इन मंत्रों से पूजा अधिक प्रभावशाली और आध्यात्मिक होती है।


कन्या पूजन के लाभ

  • देवी मां की कृपा प्राप्त होती है

  • घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है

  • नारी शक्ति का सम्मान होता है

  • पुण्य और आध्यात्मिक संतोष की अनुभूति होती है


📌 महत्वपूर्ण सुझाव

  • कन्याओं से सच्चे दिल से व्यवहार करें, कोई दिखावा न हो।

  • भोग शुद्ध देसी घी से बनाएँ।

  • उपहार में वो दें जो उनके काम आ सके।

  • कन्याओं को विदा करते समय प्रेमपूर्वक आशीर्वाद लें।


🧡 निष्कर्ष (Conclusion)

कन्या पूजन केवल एक धार्मिक रस्म नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में नारी सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक है। जब आप एक छोटी कन्या को देवी मानकर उसकी सेवा करते हैं, तब आप सच्चे अर्थों में मां दुर्गा की पूजा करते हैं।

इस नवरात्रि, आइए हम सब भी पूरी श्रद्धा से कन्या पूजन करें और मां दुर्गा से सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना करें।

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