नथ की गहना

Nath Ki Gahana-नथ की गहना” (Hindi Short Stories) by Premchand

नथ की गहना (Nath Ki Gahana) by Premchand

“नथ की गहना” (Nath Ki Gahana) is one of Munshi Premchand’s notable short stories. Here’s a summary of the story:

Summary:

Setting and Characters: The story is set in a rural Indian village and revolves around a poor but respectable family. The central characters include the protagonist, a woman named Kashi, and her husband, Ramu.

Plot: Kashi and Ramu are a married couple who live a life of simplicity and struggle with poverty. Kashi owns a single piece of jewelry, a nath (nose ring), which is a significant and cherished possession in their impoverished state. The nath holds sentimental value for Kashi as it was given to her by her mother.

One day, a local landlord, known for his unscrupulous ways, demands that Ramu lend him money. Unable to refuse, Ramu agrees, but the family’s financial troubles intensify. The landlord’s demands become increasingly burdensome, and Ramu struggles to meet them.

In a desperate attempt to secure the needed money, Kashi decides to sell her nath. She feels a deep sense of loss and betrayal but is driven by necessity. Despite her emotional struggle, she goes to the local jeweler to sell the nath.

Climax: The story reaches its emotional peak when the jeweler, moved by Kashi’s plight and her genuine need, buys the nath for a price that is much lower than its actual worth. This reflects the harsh economic conditions and the exploitation faced by the poor.

Resolution: Kashi returns home with the money, which, while not enough to solve all their problems, provides temporary relief. The story ends on a somber note, highlighting the persistent struggle of the impoverished and the sacrifices they make for their survival.

नथ की गहना

Themes:

  • Poverty and Sacrifice: The story poignantly illustrates the sacrifices that individuals in poverty make for their families.
  • Exploitation: It sheds light on how the poor are often exploited by those in power or authority.
  • Emotional Conflict: Kashi’s internal conflict and the loss of her cherished possession underscore the emotional toll of poverty.

Premchand’s narrative in “नथ की गहना” is a reflection of the socio-economic issues of his time, showcasing his deep empathy for the underprivileged and his critique of social injustices.

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“नथ की गहना” (Nath Ki Gahana) by Premchand hindi

“नथ की गहना” (Nath Ki Gahana) मुंशी प्रेमचंद की एक प्रसिद्ध कहानी है, जो उनकी सामाजिक संवेदनशीलता और पात्रों की गहराई को दर्शाती है। कहानी की संक्षिप्त जानकारी इस प्रकार है:

कहानी का सार:

पात्र और सेटिंग: कहानी एक गरीब ग्रामीण परिवार की है जिसमें मुख्य पात्र हैं काशी और उनके पति रामू। काशी एक साधारण और गरीब महिला हैं जिनके पास एक महत्वपूर्ण वस्तु, एक नथ (नाक की अंगूठी) है जो उनके माता-पिता से विरासत में मिली है।

कहानी: काशी और रामू गरीबी से जूझते हुए जीवन बिता रहे हैं। काशी का नथ उनके लिए बहुत खास है और इसका भावनात्मक महत्व है। एक दिन, गाँव का एक अमीर व्यक्ति, जिसे साहूकार के नाम से जाना जाता है, रामू से पैसे उधार मांगता है। रामू उसकी मांग को अस्वीकार नहीं कर पाता और कर्ज लेने के लिए मजबूर हो जाता है।

साहूकार की मांगें बढ़ती जाती हैं और रामू के लिए इन्हें पूरा करना मुश्किल हो जाता है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, काशी अपने पति की मदद के लिए अपने नथ को बेचने का निर्णय लेती हैं। यह निर्णय उनके लिए बहुत कठिन होता है क्योंकि यह उनके लिए भावनात्मक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है।

कहानी का चरम बिंदु: काशी नथ को बेचने के लिए ज्वैलर के पास जाती हैं। ज्वैलर उनकी मजबूरी को समझते हुए कम कीमत पर नथ को खरीद लेता है। यह अत्यधिक सस्ते दाम पर बेचने का निर्णय काशी के दर्द और उनकी गरीबी को उजागर करता है।

समापन: काशी घर लौटती हैं और प्राप्त पैसे से कुछ समस्याओं का समाधान होता है, लेकिन उनका मन नथ को बेचने की पीड़ा से भरा होता है। कहानी एक निराशाजनक नोट पर समाप्त होती है, जो गरीबी की कठोर वास्तविकताओं और गरीबों की अदम्य संजीवनी शक्ति को दर्शाती है।

थीम्स:

  • गरीबी और बलिदान: कहानी दिखाती है कि गरीबी में लोग कितने बड़े बलिदान देने के लिए तैयार होते हैं।
  • शोषण: यह अमीरों और गरीबों के बीच के असमान संबंधों और शोषण को उजागर करती है।
  • भावनात्मक संघर्ष: काशी का भावनात्मक संघर्ष और उनके द्वारा की गई बलिदान की गहराई को दर्शाती है।

यह कहानी प्रेमचंद के लेखन की गहराई और समाज के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाती है। अगर आपको कहानी का पूरा पाठ चाहिए, तो आप इसे विभिन्न साहित्यिक संग्रहों या ऑनलाइन संसाधनों पर पढ़ सकते हैं।

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